Wednesday, October 26, 2011

ये कैसी दीवाली

महंगाई ने किया दिवाला, ये कैसी दीवाली।
हर मुंह से छिन रहा निवाला, ये कैसी दीवाली।।
कौन खरीदे सोना चाँदी, है तबाह आबादी।
सब्जी खाने में ही अब तो, होनी है बरबादी।
जिधर देखिये उधर घोटाला, ये कैसी दीवाली।।
लक्ष्मी जी तो स्विस विराजें, कैसे होगी पूजा।
हम गणेश गोबर के बन गए, रहा उपाय न दूजा।
कर्ज बनाता है मतवाला, ये कैसी दीवाली।।
ब्रांड बन गए मार्केट सज गईं, बिगड़ रहा इंसान
जीवन कैसे जीना होगा, ये जानें भगवान।
लुटता है हर भोला भाला, ये कैसी दीवाली।।

Wednesday, August 24, 2011

बहुत बड़ी भूल

लोग कायदे से रहें तो कानून की जरूरत ही न पड़े, लेकिन यह उम्मीद करना कि कानून ही सबकुछ कर देगा, बहुत बड़ी भूल होगी।

Thursday, August 4, 2011

असुरक्षित नोएडा-दूसरी किस्त

ईसीएम क्या होता है : सेक्टर-२४ थाने में ऑनलाइन एफआईआर मौखिक रूप से स्वीकार तो कर ली गई, लेकिन चोरी के सिलसिले में पुलिस विभाग की कोई पहल सामने नहीं आई। पत्रकार साहब ने ऑनलाइन एफआईआर की बात को कुछ लोगों से शेयर भी कर लिया था। कार्रवाई होती न देख वह अजीब सा महसूस कर रहे थे। कुछ स्पष्ट नहीं हो पा रहा था कि ऑनलाइन एफआईआर पर कार्रवाई न होने से किसकी प्रतिष्ठा दांव पर लगी है-ऑनलाइन व्यवस्था की, पुलिस विभाग की, सरकार के दावों की अथवा स्वयं पत्रकार महोदय की। भाई कोई अपनी प्रतिष्ठा की परवाह करे या न करे, पत्रकार साहब को तो करनी ही थी। बस उन्होंने थैली से मोबाइल फोन कुछ इस अंदाज में निकाला, जैसे महाभारत काल में महारथी म्यान से अपनी तलवार निकाल लेते थे। कई बार प्रयास किया तो एक बार सौ नंबर पर लग ही गई काल। हैलो-नोएडा पुलिस।
सर---हमारी कार का ईसीएम चोरी हो गया है।
पुलिस-ईसीएम क्या होता है।
---अरे साहब पिछले दस वर्षों से ईसीएम चोरी हो रहा है। आज कल तो ऑडियो सिस्टम का दाम कम हो जाने से ईसीएम ही चोरी हो रहा है। जब आप ईसीएम को जानते-पहचानते नहीं, तो उसे बरामद कैसे कर पाएंगे।
इसी बीच पीछे से दूसरा पुलिसवाला फुसफुसाया----ईसीएम से कार का इंजन नियंत्रित होता है। महंगी मशीन होती है। पंद्रह से बीस हजार में नई आती है।
जारी रहेगी दास्तां---करें अगली किस्त का इंतजार--------

Saturday, July 30, 2011

असुरक्षित नॉएडा-पहली किस्त

नॉएडा का मतलब नो आइडिया। इस हाई टेक शहर में आइडिया कितना भी जोरदार हो, वह लागू नहीं हो पाता। यही वजह है कि यहाँ अच्छी खासी तकनीक का बैंड बज रहा है, और यही बताने के लिए एक सच्ची कहानी सुना रहा हूँ ।
28 जुलाई को सेक्टर 12 के बी ब्लाक में एक मारुती वैन से उसका इसिएम-इंजिन कंट्रोल मोड्यूल- चोरी हो गया। वह भी सुरक्षा गार्ड के होते हुए। अब उसके मालिक ठहरे पत्रकार। समय उनके पास था नहीं कि थाने में एफ आई आर दर्ज कराने जा पायें। सोचा तकनीक का सहारा लेते हैं । फिर क्या था, उन्होंने झट गूगल पर सर्च मारा और नॉएडा पुलिस की वेब साईट खुल गई। जब एफ आई आर का आप्सन दिखा तो राहत की सांस ली। उन्होंने आन लाइन शिकायत दर्ज करा दी। उसकी पुष्टि भी मेल से उन्हें मिल गई। जब सेक्टर 24 थाने में अगले दिन कार्रवाई के बारे में पता करने गए तो वहां पूछा गया कि आन लाइन कौन सी चिड़िया होती है। जब मेल का प्रिंट दिया तो उसे आँख फाड़ कर देखा जाने लगा। पुलिस वालों ने कहा, अरे ----एफ आई आर दर्ज हो गया और हमें पता भी नहीं चला। कथा जारी रहेगी ------बाकी अगली किस्त में --------

Friday, June 24, 2011

बेच दो बेच दो

बेच दो बेच दो -------इन्सान बेच दो ------ भगवान बेच दो------गली मोहल्ला नहीं ----- पूरा हिंदुस्तान बेच दो -------भाव गिर रहा है -------ईमान बेच दो ----